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सोमवार, 7 सितंबर 2009

तारे जमीन के ,,,

बिटिया की न्यू पोएम ..........




रात के अंधकार में ,
ये सुन्दर चाँद देखो ,
हर रात चाँद आता है ,
अलग-अलग वेश में ,
और...
तारे खिलते हँसते है जोश में,


इस तरह हम बच्चे भी है ,
तारे जमीन के ,
और चंदा हमारे माता -पिता,
तथा गुरु ज़हां के,
चाँद जहाँ तारे वहां ,
जहाँ माता-पिता-गुरु ,
हम बच्चे सारे वहां ,

जिस तरह चाँद तारे ,
चमके आसमान में सारे,
उसी तरह हम बच्चे भी चमके ,
पढ़ लिखकर बनके सबके दुलारे ,
आखिर हम बच्चे है तारे जमीन के ..........,

.......रक्षिता