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रविवार, 10 मई 2009

मेरी माँ


मदर्स डे पर आप सभी को शुभकामनायें। मेरी बेटी की कविता मेरे लिए ......
मेरी माँ
मेरी माँ है
सबसे प्यारी
सबसे न्यारी
रोज सुबह मुझे उठाती
उठते ही हमें गले लगाती
कितना भी मै उसे सताऊ
फिर भी वो मेरे पीछे आती

मेरी माँ सबसे प्यारी
सबसे न्यारी
उठाते ही मुझे गले लगाती

रक्षिता

8 टिप्पणियाँ:

Unknown ने कहा…

बेटी ने अतिसुन्दर लिखा है. तुमको ढेर सारी बधाईयाँ.

बेनामी ने कहा…

Kisi Ne sahi Kaha Hai ....
BHAGWAN HAR JAGAH NAHI JA SALATE ...
ISLIYE UNHONE MAA BANAI HAI ....

Shweta ने कहा…

अच्छा लिखा है रक्षिता ने. भगवन उसकी कलम में और ताकत दे.
Gob bless her.

satish kundan ने कहा…

माँ के प्रति बाल मन की सहज अभिव्यक्ति...मुझे बहुत अच्छी लगी,आपकी बिटिया को बधाई!!कभी मेरे ब्लॉग पर आइये आपका स्वागत है ...

Satish Chandra Satyarthi ने कहा…

ye to abhi se itna sundar likh rahi hai.
aage kyaa hoga.
All the best, beta.

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

Bitiya ne bahut sundar kavita likhi hai ...use meree taraf se badhai.aur yadi vah aur bhee kavitayen likhen to mere pas bhejiye ..main unhen apane bachchon vale blog fulbagiya par chitron ke sath prakashit karoonga.
shubhkamnaon ke sath.
HemantKumar

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

Bahut achchaa laga ek betee kee kavita padhakar.....
Poonam

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

bahut hi khoobsoorat kavita.......

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