साई मोरे बाबा एक ऐसी पारिवारिक फिल्म , जिसमें आध्यात्मिक आत्मा है . जन्म से लेकर मृत्यु तक - हम जो चाहते हैं , उससे अलग रास्ते
हमें मिलते हैं और शुरू होती है पहले तादात्म्य बैठने की कोशिश , सहनशीलता का प्रयास और फिर हार महसूस करना . हार , जहाँ सारे रास्ते
बन्द नज़र आते हैं , तब अँधेरे को चीरता साई का स्पर्श वह शक्ति देता है , जो जीने के साथ साथ सामर्थ्य बन जाता है .
इस फिल्म में आम जीवन के सभी पहलू हैं . एक साधारण परिवार के सदस्यों का भी अपना सम्मान होता है , और साई उनके साथ ही होते हैं , जो सही
का साथ देते हैं . दो परिवार का रिश्ता स्नेहिल ना हो तो जीवन को एक मौका देना चाहिए - बांधकर किसी के साथ न जिया जा सकता है , ना ही यह सही
है ..... साई की सुरक्षा आगाह करती है कि खुद को जानो, मौका देने की भी एक सीमा होती है .
कैसे ? यह रहस्य गहराता जा रहा होगा आपके अन्दर - जल्द ही साई अपने स्नेहिल सन्देश के साथ रुपहले परदे पर चमत्कारों के साथ होंगे .
कथा , गीत, कलाकार , निर्देशन सब आपको बांधकर रखेंगे , इस फिल्म के गीतों से घर घर का आँगन सुवासित होगा और इस कहानी में बंधे
कलाकारों की अदाकारी निर्णयात्मक सोच देगी ........
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें