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मंगलवार, 1 जनवरी 2013

हे देश ! २०१३ ..!!


हे देश ! २०१३
ऐसा कुछ भी न हो जो त्राहि मचे
ऐसा कुछ भी न हो जो हिर्दय रोये
मैं नहीं चाहती मुझे पूजा जाये
मुझे भी इन्सान समझा जाये
हे देश !
बस इतना आग्रह है मेरे लिए..
एक नया कानून बनाया जाये
एक नया कानून बनाया जाये 
......साधना

3 टिप्पणियाँ:

mridula pradhan ने कहा…

prabhav chodti hui.....

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

haan naya kanun bane jo prabhavi bhi ho..!!!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अच्छी कामना की है आपने अपने लिए...!
काश हमारे देश के कर्णधार भी ऐसा ही सोचते..!

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