हे देश ! २०१३
ऐसा कुछ भी न हो जो त्राहि मचे
ऐसा कुछ भी न हो जो हिर्दय रोये
ऐसा कुछ भी न हो जो त्राहि मचे
ऐसा कुछ भी न हो जो हिर्दय रोये
मैं नहीं चाहती मुझे पूजा जाये
मुझे भी इन्सान समझा जाये
मुझे भी इन्सान समझा जाये
हे देश !
बस इतना आग्रह है मेरे लिए..
बस इतना आग्रह है मेरे लिए..
एक नया कानून बनाया जाये
एक नया कानून बनाया जाये
एक नया कानून बनाया जाये
......साधना
3 टिप्पणियाँ:
prabhav chodti hui.....
haan naya kanun bane jo prabhavi bhi ho..!!!
अच्छी कामना की है आपने अपने लिए...!
काश हमारे देश के कर्णधार भी ऐसा ही सोचते..!
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