दीदी मै आपकी ब्लॉग पे रोज़ आती हूँ !मुझे आपकी ब्लॉग एक"गीता"की सारांश जैसी दिखती है !कहते है न की हर समस्या का हल "गीता" में लिखा होता है !उसी तरह मुझे आपकी रचनायें दिखती है !
मुझे जब भी कोई परेशानी हुई है ,मै आपकी रचनायें पढ़ती हूँ और हमेशा मुझे अपने सवालों का जबाब मिल जाता है! मुझे हमेशा एक सकारात्मक शक्ति मिलती रही है आपकी रचना से !
दीदी, फिर आप सोचती होंगी की मै टिप्पणी क्यों नहीं देती हूँ ...मुझे ऐसा लगता है कि मै आपकी रचना की समीक्षा करू.... इतनी काबिल नहीं हूँ मै इसीलिए बिना कुछ लिखे वापस आ जाती हूँ ..दिल से आपको शुक्रिया कहती हूँ ..!!