तुमको जब जब देखी
खुदा नज़र आया !
आँखें जब भी बंद की
तेरा ही चेहरा नज़र आया !!
मेरी लिखी हर गीत पर
तू ही नज़र आया !
मेरी रूह को छूता हुआ भी
तू ही नज़र आया !!
मेरी मुस्कान की वज़ह में
भी तू ही नजर आया !
एक सुखद अहसास देने में
भी तू ही नज़र आया !!
जिंदगी की हर डगर पे बस तू
तू तू ही तू नज़र आया!
तुमको जब भी देखी न जाने क्यों?
तुम में ही खुदा नज़र आया!!
....साधना सिंह
2 टिप्पणियाँ:
tum mai hi khud najar aaya ,bahut achchhi line hai sadhana ,bahut achchhi hai tumhari kriti ,
मन के भावों को बहुत खूबसूरती से लिखा है ....
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया
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