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मंगलवार, 1 दिसंबर 2009

People come into your life for a reason, a season or a lifetime.

When you know which one it is, you will know what to do for that person..

When someone is in your life for a REASON, it is usually to meet a need you have expressed. They have come to assist you through a difficulty, to provide you with guidance and support,

to aid you physically, emotionally or spiritually.

They may seem like a godsend and they are.

They are there for the reason you need them to be.


Then, without any wrongdoing on your part or at an inconvenient time, this person will say or do something to bring the relationship to an end.

Sometimes they die. Sometimes they walk away.

Sometimes they act up and force you to take a stand.

What we must realize is that our need has been met, our desire fulfilled, their work is done.

The prayer you sent up has been answered and now it is time to move on.


Some people come into your life for a SEASON, because your turn has come to share, grow or learn.

They bring you an experience of peace or make you laugh.

They may teach you something you have never done.

They usually give you an unbelievable amount of joy.

Believe it, it is real. But only for a season.

LIFETIME relationships teach you lifetime lessons, things you must build upon in order to have a solid emotional foundation.

Your job is to accept the lesson,

love the person and put what you have learned to use in all other relationships and areas of your life.

It is said that love is blind but friendship is clairvoyant.


Thank you for being a part of my life,

whether you are a reason, a season or a lifetime.

मंगलवार, 17 नवंबर 2009

तू इस अंधकार से निकल




ये छोटी सी मेरी कविता मेरी भावनाओं पर
आधारित....कैसी लगी जरूर बतायें ....

मेरा-तेरा ,जात-पात,
धर्म-अधर्म सब है मिथ्या
तू इस अंधकार से निकल ,

क्या लाया था और क्या ले जायेगा तू
सत्य को पहचान .
यह जग ही है
अंधकार का ज्ञान ,

इंसानों अब रुक जा तू
धन, दौलत, माकन ,
ये सब है
मिथ्या का शान ,

कुछ भी नहीं है तेरा
रिस्ते साथी दोस्त
सब छोर चलेंगे एक दिन

इंसानों ....
सत्य को पहचानो
छोर ! इस जग का माया जाल
कर तू ज्ञान और भक्ति का दान

सब जानते हुए भी
फिर क्यों ?
बना हुआ है तू अंजान !!!!!!

.......साधना




अगर हिंदी कि वर्तनी में कोई गलती हो तो उसके लिए क्षमा चाहती हूँ क्यों कि यहाँ हिंदी टाइपिंग में थोरी मुश्किल होती हैं ....


सोमवार, 26 अक्टूबर 2009

बोलो कौन है वो ......?



बोलो कौन है वो...?
मेरे पास तेरे पास ,
है उनके पास

अपने इस समाज की ताकत ,
जिनके पास
जिनका हुक्का भरते है ,

मुख़बिर और चुगलख़ोर ,
गुंडों और डंडो से चलता है उनका जोर ,
कुन्डालियो जैसी लम्बी लम्बी बाते भैया ,

और....
वादे बेहद मोहक ,पर रहे भूल-भुलैया ,
समझे है समझेंगे ,
उनकी कुर्सी की ता - ता थैया

अरे...अरे.....
लगता है ,कुछ पहचाने हुए ,
ऊपर से सफ़ेद पर अंदर से है काले।
अरे वही मेरे नेता जी निराले!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! [soryyy]

         साधना 

मंगलवार, 13 अक्टूबर 2009

मेरी बिटिया !!!!!देखो आज दस साल कि हो ली ..

आज ..१३ अक्टूबर मेरी बेटी का हैप्पी बर्थ डे है



मेरी बिटिया !!!!!
झरनों सी झरझराती ।
कोयल सी कुहुकती ।
मोरनी सी पुरे घर में नाचते रहती ।

कितनी भोली और सुघड़ सलोनी।
रोज अलग अलग है ख्वाव निराली ।
कभी राइटर कभी एक्टर कभी पेंटर बनते रहती ।

ऋतुओ सी महकती है ।
भैया से झगरती है ।
फूलों से मुस्कुराती है ।


पर भैया से॥
प्यार बहुत करती है ।
पापा कि लाडली ,मेरी लल्ली ।

देखो आज!
दस साल कि हो ली ॥॥ ॥

........साधना सिंह

सोमवार, 7 सितंबर 2009

तारे जमीन के ,,,

बिटिया की न्यू पोएम ..........




रात के अंधकार में ,
ये सुन्दर चाँद देखो ,
हर रात चाँद आता है ,
अलग-अलग वेश में ,
और...
तारे खिलते हँसते है जोश में,


इस तरह हम बच्चे भी है ,
तारे जमीन के ,
और चंदा हमारे माता -पिता,
तथा गुरु ज़हां के,
चाँद जहाँ तारे वहां ,
जहाँ माता-पिता-गुरु ,
हम बच्चे सारे वहां ,

जिस तरह चाँद तारे ,
चमके आसमान में सारे,
उसी तरह हम बच्चे भी चमके ,
पढ़ लिखकर बनके सबके दुलारे ,
आखिर हम बच्चे है तारे जमीन के ..........,

.......रक्षिता

गुरुवार, 13 अगस्त 2009

स्वतंत्र दिवस


प्रिय मित्रो,

आज मैं अपने वतन से बहुत दूर हूँ । पर आज भी मुझे अपने देश से उतना ही प्रेम हैं जितना पहले था क्योंकि मैं उसी देश की मिट्टी में जन्मी हूँ । पर मेरे बच्चे भारतीय संस्कृति से दूर होकर भी वतन के बहुत करीब हैं । देश की स्वतंत्रता से सम्बंधित मेरी बिटिया ने कुछ पंक्तिया लिखी हैं जो मैं आपके सामने इस ब्लॉग के द्वारा प्रस्तुत कर रही हूँ ।



हम भूल नही सकते उस मिट्टी को जिसने हमें जन्म दिया,

हम भूल नही सकते उस वतन को जिसने हमें पहचान दिया,

हम भूल नही सकते उस javano को ,

जिसने अपनी qurbani दी ,

जन hatheli पर रखकर ,

शान bachaya इस देश की ,



so lets pay tribute to all those who gave us the glorius gift of freedom

JAI HIND !!!


rakshita

रविवार, 10 मई 2009

मेरी माँ


मदर्स डे पर आप सभी को शुभकामनायें। मेरी बेटी की कविता मेरे लिए ......
मेरी माँ
मेरी माँ है
सबसे प्यारी
सबसे न्यारी
रोज सुबह मुझे उठाती
उठते ही हमें गले लगाती
कितना भी मै उसे सताऊ
फिर भी वो मेरे पीछे आती

मेरी माँ सबसे प्यारी
सबसे न्यारी
उठाते ही मुझे गले लगाती

रक्षिता

मंगलवार, 5 मई 2009

FEW THOUGHTS

hi **Some wonderful thoughts was sent this week by my friend and here I am sharing with you। Have a wonderful week. God bless you all with a cool week.Living with “TO GET” and ‘TO GIVE”
**creates many problems;Living with “TO FORGET” and “TO FORGIVE”solves every problem***

* Life is best for those who want to live it;Life is difficult for those who want to analyse it;Life is worst for those who want to criticize it;Our attitude defines LIFE

**Opportunities are like morning dew.To catch one, you have to wake up early,while the whole world is busy sleeping***

मंगलवार, 28 अप्रैल 2009